पेट की समस्याओं के लिए होम्योपैथिक दवा?
अनहेल्दी लाइफस्टाइल और खान-पान की गलत आदतों के कारण आजकल अपच और गैस की समस्या आम हो गई है। छोटे-छोटे बच्चे भी गैस की समस्या से परेशान नजर आते हैं। वैसे तो अपच और गैस की समस्या के लिए कई दवाएं हैं जिससे तुरंत राहत मिलती है, लेकिन यह समस्या जड़ से खत्म नहीं होती। ऐसे में जानकारों का मानना है कि होम्योपैथिक दवाएं बहुत कारगर साबित हो सकती है। अपच और गैस की समस्या के लिए होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for indigestion and gas) रामबाण साबित हो सकती है और यह बीमारी को जड़ से खत्म करने में मदद करती हैं। आप भी डॉक्टर की सलाह पर अपच और गैस की समस्या के लिए होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for indigestion and gas) का सेवन कर सकते हैं।
क्यों होती है अपच की समस्या? (Indigestion Causes)
क्या खाना खाने के बाद
आपको भी अक्सर पेट में दर्द (Stomach pain) या जलन की शिकायत होती है, तो इसे नजरअंदाज न करें, क्योंकि ऐसा बदहजमी या अपच के कारण हो सकता है। जब खाना ठीक से हजम नहीं होता है तो गैस (Gas) और एसिडिटी (Acidity) होने लगती है, भले ही यह स्थिति शुरुआत में बहुत गंभीर न लगे, लेकिन यह आपको इतना
परेशान कर देती है कि आप अपने काम पर भी ठीक से फोकस नहीं कर पाते हैं। अपच और गैस
की वजह से आप असहज महसूस करने लगते हैं। अपच या बदहजमी के लिए गलत खानपान तो
जिम्मेदार है हीं साथ ही विशेषज्ञ इसके कई अन्य कारण भी मानते हैं जैसे खाने को
ठीक से चबाकर न खाना, हाय फैट (High fat) और कैलोरी (Calorie) वाला भोजन करना, बहुत ज्यादा शराब व सिगरेट पीना, तनाव आदि। इसके कुछ
अन्य स्वास्थ्य समस्याएं (Health problems) भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती हैं जैसे- अल्सर (Ulcer), पेट का
कैंसर (Stomach cancer), पेट में इंफेक्शन (Stomach
infection), इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (Irritable bowl syndrome), अग्नाशय में सूजन व थायरॉइड
(Thyroid) आदि। प्रेग्नेंसी (Pregnancy) में अपच की समस्या होना भी आम है। अपच या गैस की समस्या होने पर थोड़ा खाने पर
भी पेट भरा होने का एहसास होता है, पेट फूल जाता है, डकार आता है, पेट में
जलन और कभी-कभी मतली जैसा भी महसूस होता है। आप अपच और गैस की समस्या के लिए
होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for indigestion and gas) का सेवन कर सकते हैं
अपच के लक्षण (Symptoms of
indigestion)
अपच की समस्या होने पर आप कुछ
लक्षणों के आधार पर इसकी पहचान कर सकते हैं जिसमें शामिल है-
·
सीने या पेट में दर्द, जलन या असहजता महसूस होना
·
डकार आना
·
पेट में गुड़गुड़ होना या गैस
·
एसिड रिफ्लक्स (acid
reflux)
·
सीने में जलन (heartburn)
·
मतली/उल्टी (nausea/vomiting)
यदि ये लक्षण दो हफ्ते से अधिक समय
तक रहते हैं तो आपको डॉक्टर से सलाह लेने की ज़रूरत है। अपच व गैस की समस्या के
गंभीर लक्षणों में शामिल है-
·
सांस लेने में परेशानी (shortness of
breath)
·
निगलने में दिक्कत (trouble
swallowing)
·
लगातार उल्टी होना (ongoing vomiting)
·
ब्लड आना (throwing up
blood)
·
सीने, बांह, गले और जबड़े में अचानक दर्द
·
शरीर ठंडा होने पर भी पसीना आना (cold sweats)
·
काला व रक्त युक्त मल होना
अपच और गैस की समस्या के लिए
होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for indigestion and gas)
होम्योपैथी में अन्य बीमारियों के
साथ ही अपच और गैस (Indigestion and gas) की समस्या के लिए भी कई दवाएं हैं।
बहुत से लोग एलोपैथी की बजाय होम्योपैथिक दवाओं पर ज्यादा विश्वास करते हैं, क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। साथ ही जानकारों का मानना है कि
भले ही होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine) का असर देर से होता है, लेकिन यह बहुत प्रभावशाली है और किसी भी समस्या को जड़ से खत्म करने में मदद
करती है। आप भी अपच और गैस की समस्या के लिए होम्योपैथिक दवा (Homeopathic
medicine for indigestion and gas) का सेवन कर सकते हैं। अपने डॉक्टर
से परामर्श करके निम्न दवाएं खा सकते हैं।
और पढ़ें-
कार्बो वेजीटेबिलिस (Carbo
vegetabilis)
यदि आपको अपच, बार-बार खट्टी
डकार आने, गैस, थोड़ा खाते ही पेट भर जाने, पेट में दर्द/ऐंठन (Stomach pain or
cramp) की समस्या है तो आपके लिए अपच और गैस की समस्या के लिए होम्योपैथिक दवा (Homeopathic
medicine for indigestion and gas) कार्बो वेजीटेबिलिस बहुत कारगर हो
सकती है।
लाइकोपोडियम (Lycopodium)
जिन लोगों को स्टार्च
वाला भोजन (Starchy food) (जैसे पत्तागोभी, फलियां) करने के बाद गैस
बनती हैं, मुंह का स्वाद खट्टा लगता है, पेट फूलने
(Bloating) लगता है और पेट में गैस जैसा महसूस होता है, रात के समय भूख लगने या
लहसुन/प्याज खाने के बाद पेट में सूजन व गैस की समस्या हो जाती है तो यह दवा असरदार है।
नैट्रम कार्बोनिकम (Natrum
Carbonicum)
यह बदहजमी की होम्योपैथिक दवा उन
लोगों के लिए लाभदायक है जिन्हें कुछ खास तरह के खाद्य पदार्थों को पचाने में
दिक्कत होती है और उन्हें रिस्ट्रिक्टेड डायट (Restricted diet) पर रहना पड़ता है और यदि वह इन प्रतिबंधित चीजों का सेवन करते हैं तो अपच (Indigestion), हार्टबर्न (heartburn), अल्सर (ulcers) आदि की समस्या हो सकती है। दूध और दूध से बने पदार्थों के सेवन पेट फूलने या
दस्त की समस्या हो सकती है। ऐसे लोगों को आलू या मीठी चीजें खाने का मन होता है, साथ ही दूध भी, लेकिन इन पदार्थों के सेवन से वह और बीमार हो सकते हैं इसलिए उन्हें इससे बचने
की सलाह दी जाती है।
नक्स वोमिका (Nux vomica)
अपच और गैस की समस्या
के लिए होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for indigestion and gas) नक्स वोमिका बदहजमी के
कारण पेट में होने वाली ऐंठन (Cramp) और मतली (Nausea) की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है। खासतौर पर बहुत अधिक मसालेदार खाना (Spicy food) खाने के बाद और शराब (Alcohol) का अधिक सेवन करने के बाद समस्या बढ़ जाती है।
पल्सेटिला (Pulsatilla)
यह दवा गैस के कारण होने वाली असहजता जो फैटी फूड (Fatty food), केक (Cake) और आइसक्रीम (Ice-cream) खाने के बाद होती है, में बहुत लाभदायक है। बहुत ज्यादा भूख लगने, पेट में दर्द या खिंचाव महसूस होने, पेट फूलने, सीने में जलन (Heartburn) और अपच (Indigestion) की समस्या से भी यह दवा राहत दिलाती है।
एंटीमोनियम क्रूडम (Antimonium
crudum)
हैवी और एसिडिक फूड (Acidic food) बहुत अधिक मात्रा में खाने के बाद होने वाली बदहमजमी की
समस्या से यह दवा राहत दिलाती है। खाने के बाद पेट फूल जाता है या बार-बार डकार
आती है तो भी यह दवा कारगर है।
आर्सेनिक एल्बम (Arsenicum
album)
कोरोना काल में आपने इस
दवा का नाम तो सुना ही होगा। इम्यूनिटी (Immunity) बढ़ाने के लिए बहुत से लोग इसका सेवन करते हैं, लेकिन अपच और गैस की
समस्या के लिए होम्योपैथिक दवा (Homeopathic medicine for indigestion and gas) आर्सेनिक एल्बम बदहजमी और गैस की समस्या (Gas problem) से भी राहत दिलाती है। यदि आपको खाने को देखना या उसकी महक भी अच्छी नहीं लग
रही है, पेट में दर्द, जलन है, सीने में जलन, डकार आदि की परेशानी है तो भी यह दवा लाभदायक है।
ब्रायोनिया (Bryonia)
यदि पेट में भारी महसूस
हो रहा है साथ ही पेट में एसिड (Acid) की मात्रा बढ़ गई हो, मुंह में खट्टा व कड़वा स्वाद आता हो, दर्द व मतली की समस्या
हो तो यह दवा आराम पहुंचाती है। यदि मरीज का मुंह सूख (dry mouth) रहा है और बार-बार प्यास लग रही हो तो भी इस दवा की सलाह
दी जाती है।
सिनकोना ऑफिसिनैलिस (Cinchona
officinalis)
पेट फूलने की समस्या और गैस से
राहत दिलाने में यह बदहजमी की होम्योपैथिक दवा कारगर है। डायरिया (Diarrhea), थकान
(Fatigue) आदि दूर करने के लिए भी यह दवा दी जाती है।
कोलोसिन्थिस (Colocynthis)
यह अपच और गैस की वजह से होने वाली
पेट की ऐंठन को दूर करने में लाभदायक है।
और पढ़ें-
मैग्नेशिया फॉस्फोरिका (Magnesia
phosphorica)
भोजन ठीक से हजम न होने की वजह से
पेट में दर्द व ऐंठन की समस्या से यह राहत दिलाता है।
नैट्रम फॉस्फोरिकम (Natrum
phosphoricum)
मुंह में खट्टा स्वाद आने, पेट में एसिड (Acid) बढ़ने, जलन होने, उल्टी, जीभ पर पीली परत जमने पर इस दवा के सेवन से लाभ मिलता है। ऐसे व्यक्ति को डेयर
उत्पाद (Dairy products) और बहुत अधिक मीठा खाने से समस्या हो सकती है।
फॉस्फोरस (Phosphorus)
पेट में जलन व दर्द होना जो
आइसक्रीम (Ice cream) जैसी ठंडी चीजें खाने के बाद थोड़ी शांत हो जाए, इसके लिए यह
होम्योपैथिक दवा फायदेमंद होती है।
बदहजमी की समस्या के लिए घरेलू
उपाय (Home remedies for indigestion)
क्योंकि बदहजमी/अपच की समस्या
अक्सर खानपान से जुड़ी होती है इसलिए कुछ घरेलू उपायों के जरिए इससे राहत पाई जा
सकती है।
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सेब का सिरका (Apple
cider vinegar) बदहजमी में फायदेमंद हो सकता है। यह पेट के स्वास्थ्य को ठीक रखता है जिससे
खाना जल्दी पच जाता है।
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बदहमजी (Indigestion) का कारण है पेट में एसिड की मात्रा का बढ़ना। ऐसे में बेकिंग पाउडर (Baking powder) के इस्तेमाल से राहत पाई जा सकती है, क्योंकि बेकिंग पाउडर
एक एंटासिड होता है।।
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अदरक (Ginger) न सिर्फ सर्दी-खांसी (cough-cold) में फायदेमंद है, बल्कि यह भोजन को पचाने
(Digestion) में भी मदद करता है।
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सौंफ न सिर्फ माउथ फ्रेशनर (Mouth freshener) का काम करता है, बल्कि इसे खाने से अपच की समस्या भी दूर होती है। आप भूने हुए सौंफ का सुबह-शाम काले
नमक के साथ सेवन कर सकते हैं।
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यदि आपको भी भोजन पचने में परेशानी
होती है, तो जायफल को नींबू के रस में मिलाकर चाटने से राहत मिलेगी। साथ ही इससे पेट भी साफ रहता है।
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छाछ में धनिया पाउडर (Coriander
powder) मिलाकर पीने से भी बदहजमी दूर होती है और पेट ठंडा रहता है।
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अपच या गैस की वजह से यदि मतली
जैसा महसूस होता है तो एक चम्मच जीरा या अजवायन में काला नमक मिलाकर गर्म पानी के
साथ सेवन करें, फायदा होगा।
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यदि आपको अक्सर अपच (Indigestion) की समस्या रहती है तो भोजन के आधे घंटे बाद ग्रीन टी पीएं। दरअसल, इसमें एंटीऑक्सीडेंट (antioxidant) होता है जो इंफेक्शन (Infection) से लड़ने में मदद करने के साथ ही भोजन पचाने में भी सहायक है।
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ज्यादा खाना खा लिया हो तो दो
चम्मच नींबू के रस में अदरक का रस मिलाकर गर्म पानी के साथ पी लें। इससे बदहजमी
नहीं होगी।
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खाना न पचने की समस्या से परेशान
हैं, तो सुबह खाली पेट लौंग चबाने से फायदा होगा। लौंग में एंटी-माइक्रोबियल तत्व होते हैं जो संक्रमण से
दूर रखने में मदद करता है और पाचन को भी ठीक रखता है आप लौंग का काढ़ा भी पी सकते
हैं।
और पढ़ें-
पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए
अपनाएं ये योगासन (Yoga for indigestion)
पाचन
तंत्र को ठीक रखकर आप बदहजमी और गैस की समस्या से काफी हद तक बच सकते हैं। कुछ खास
योगासन पाचन को ठीक रखने में बहुत मददगार होते हैं और इनके नियमित अभ्यास से आपको
फायदा होगा।
वज्रासन
खाना खाने के बाद कुछ
देर के लिए इस आसन में जरूर बैठें। इसे रोजाना करने से पाचन तो ठीक रहता ही है साथ
ही जॉइंट पेन से भी राहत मिलती है और वजन भी कम (Weight loss) होता है। दरअसल, वज्रासन के दौरान शरीर के मध्य भाग पर प्रेशर पड़ता है जिससे पेट और आंतों (Intestine) पर भी दबाव पड़ता है, इससे कब्ज की
समस्या दूर होती है और पाचन ठीक रहता है।
नौकासन
यह आसन करने से पेट की
चर्बी कम होती है और पाचन तंत्र भी स्वस्थ रहता है।
साथ ही इसे करने से पूरा शरीर फिट रहता है।
धनुरासन
इस आसन में बॉडी पोश्चर धनुष की
तरह बनता है। इसे करने से शरीर के सभी आंतरिक अंगों, मांसपेशियों और जॉइंट
की एक्सरसाइज हो जाती है। पाचन शक्ति बढ़ने के साथ ही यह आसन सर्वाइकल
स्पॉन्डिलाइटिस, कमर दर्द और पेट संबंधी अन्य बीमारियों में भी लाभदायक है। लेकिन ध्यान रखें
कि जिन लोगों को घुटने, गर्दन और पीठ से जुड़ी समस्याएं और आर्थराइटिस की समस्या है, उन्हें डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही इन आसनों का अभ्यास करना चाहिए।
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