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कमर दर्द से हैं परेशान तो करें योग के ये 7 आसन



मर दर्द की समस्या से लगभग हर दूसरा व्यक्ति परेशान है। इसके पीछे मुख्य वजह है हमारी गलत लाइफस्टाइल। दिनभर बैठे रहने की हमारी आदत हमें कमर दर्द का मरीज बना रही है। लगातार ऑफिस में बैठकर काम करने, सही तरीके से बैठने, बहुत ज्यादा वजन उठाने और भी कई कारणों में कमर दर्द की शिकायत हो सकती है अगर आपको कमर दर्द की शिकायत है तो आप योग द्वारा इससे छुटकारा पा सकते हैं। वैसे तो योग में कई ऐसे आसन हैं जो कमर दर्द से राहत दिलाते हैं लेकिन 5 ऐसे आसन हैं, जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है। इनके रोजाना अभ्यास से कमर दर्द खत्म हो जाएगा और आप बहुत ही रिलैक्स महसूस करेंगे। तो आइए जानते हैं उन पांच आसनों के बारे में जो कमर दर्द से छुटकारा दिला सकते हैं।

 भुजंग आसन



इस आसन के लिए सबसे पहले सीधे लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें और हाथों को कंधों की सीध में लाएं। अब हाथों की सहायता से अपने शरीर के अगले हिस्से को ऊंचा उठाएं। ध्यान रहे कि शरीर का पिछला हिस्सा जमीन से ही टच रहे। इस अवस्था में 3 से 4 मिनट रहें, लेकिन यह भी ध्यान रहे कि इस दौरान मांसपेशियों में खिंचाव जाए। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए पुरानी अवस्था में जाएं।
1. इस भुजंगासन का उद्देश्य रीढ़ की लचीलेपन को बढ़ाना है और इसे मजबूत भी करता है.
2. इसने शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे छाती, कंधे, फेफड़े और पेट को फैला दिया.
3. कोबरा मुद्रा से पीठ की मांसपेशियों और बाजुओं को मजबूती मिलती है.
4. इस आसन को करने से आंतरिक अंगों में खिंचाव होता है और मालिश भी होती है.
5. आसन करने से फेफड़ों और दिल को खोलने में मदद मिलती है.
6. यह पेट के अंगों को उत्तेजित करने में मदद करता है और नितंबों को भी बनाता है.

चक्रासन


यह आसन कमर दर्द में काफी आरामदायक है। इसे करने के लिए एक चटाई पर सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों और पंजों के बल पर अपने शरीर को ऊंचा उठाएं। इस दौरान कमर को जितना हो सकता है उतना ऊंचा उठाएं। 1 या 2 मिनट तक इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए नॉर्मल अवस्था में जाएं। इस आसन से कमर की मांसपेशियां लचीली हो जाती हैं और उन्हें मजबूती भी मिलती है। चक्रासन योग को नियमित करने से रीढ़ की हड्डी लचीली बनी रहती है और शरीर भी हमेशा जवां बना रहता है. चक्रासन करने से सांस के रोग भी दूर होते हैं, यह आंखों के लिए भी काफी अच्छा माना जाता है. इतना ही नहीं चक्रासन सर्वाइकल और स्पोंडोलाईटिस जैसी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए काफी फायदेमंद है.

मकरासन (Crocodile Pose)



यह सबसे आसान योग आसन है, जिसमें एक व्यक्ति को पेट के बल सीधा लेटना होता है। इसके बाद कोहनी को जमीन से सटाकर हाथों को ठोड़ी के नीचे लगाएं। इस अवस्था में पोश्चर एक मगरमच्छ जैसा बनाया जाता है और इसीलिए इसे मकरासन कहा गया है। भले ही यह आसन आसान है, लेकिन इसे करने के दौरान सावधानी बरतें और किसी तरह की जल्दबाजी करें।
प्रतिदिन सही तरीके से मकरासन का अभ्यास करने से स्पॉन्डिलाइटिस की बीमारी से निजात मिलता है। इस आसन को करने से साइटिका और स्लिप डिस्क की समस्या भी दूर हो जाती है। इसके अलावा यह आसन शरीर के छोटे-छोटे विकारों को भी दूर कर देता है। घुटनों के दर्द को दूर करने में भी यह आसन फायदेमंद होता है।

कटिचक्रासन

कमर दर्द के आसनों में सबसे पहला अभ्यास कटिचक्रासन का है। सबसे पहले सीधे खड़े होकर दोनों पैरों में थोड़ा-सा गैप करें, फिर हाथों को सामने की तरफ़ उठाकर,कंधों के समानांतर रखते हुए एक-दूसरे की तरफ़ खींचते हुए विपरीत दिशा में खिंचाव दें। सांस भरते हुए आपको एक स्थिति में जाना हैं तो सांस छोड़ते हुए वापस दूसरी स्थिति में आना है। फिर सांस भरते हुए उसकी विपरीत दिशा में हाथों को खींचें, थोड़ा तनाव दें, फिर सांस छोड़ते हुए एक स्थिति में वापस आएं। कटिचक्रासन के लगातार अभ्यास से जैसा कि आप देख रहे हैं आपकी कमर की ट्विस्टिंग हो रही है। लगातार ट्विस्टिंग से आपकी कमर की हड्डियों में खिंचाव-तनाव पैदा होता है जिससे धीरे-धीरे कमर का दर्द ठीक हो जाता है

ताड़ासन

कमर दर्द के अभ्यास क्रम में दूसरा आसन ताड़ासन है। इसको करने के लिए पहले सीधे खड़े हो जाएं। दोनों पैरों में कंधों के समान गैप करें। दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर रखें, उंगलियों को एक-दूसरे में फंसा कर सबसे पहले सांस भरते हुए ऊपर जाएं, हथेलियों को विपरीत दिशा में खिंचाव दें। जितना हो सके सांस भरते हुए ऊपर की तरफ़ कंधों को आपको खींचना हैं, साथ में अपनी एड़ी को भी ऊपर की दिशा में खिंचाव देना है। जितना ज़्यादा हो सके फिर धीरे से आपको सांस भरते हुए आपको नीचे आना है। इस अभ्यास को आपको कम से कम 5 से 10 बार दोहराना है।

मर्कटासन


कमर दर्द के आसनों में चौथा आसन मर्कटासन है। इसमें आपको ज़मीन पर सीधे कमर के बल लेट जाना है फिर धीरे से दोनों पैरों को घुटने से मोड़ कर एड़ियों को जितना हो सके नितम्बों के पास लाना है। ध्यान रखें आपके दोनों घुटने और दोनों पंजे मिले हों। धीरे से दोनों हाथों को साइड में फैला लें, हवाई जहाज़ की तरह। फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को किसी एक दिशा में गिराएं एक-दूसरे के ऊपर सांस भरते हुए। ध्यान रखें जब आप पैरों को किसी एक तरफ़ गिराएंगे आपकी गर्दन आपको अपने पैरों के विपरीत दिशा में घुमानी है| इसके लगातार अभ्यास करने से आपकी रीढ़ में सबसे ज़्यादा ट्विस्टिंग होती है, जिसकी वज़ह से मांसपेशियों में खिंचाव-तनाव और विश्राम महसूस होता है और कमर दर्द में बहुत ही आसानी से आराम मिलता है

कंधरासन

कमर दर्द के आसनों में पांचवां आसन कंधरासन है इसमें आप सीधे लेट जाएंगे। दोनों पैरों को सामान्य स्थिति में करेंगे। उसके बाद धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए एड़ियों को नितम्बों के पास लाएंगे। हाथ जांघ के पास रहेंगे। उसके बाद बिल्कुल आरामदायक स्थिति में सांस भरते हुए कमर को ऊपर उठाएंगे और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए सामान्य स्थिति में आएंगे। इस क्रिया को आपको कम से कम 5 से 10 बार दोहराना है। लगातार इस क्रिया के अभ्यास से आपकी कमर की मांसपेशियां और हड्डियां सामान्य स्थिति में जाती हैं जिनकी वज़ह से दर्द स्वतः ठीक हो जाता है। ये सभी आसन बिल्कुल साधारण हैं। इनमें कोई जटिलता नहीं है। गर्भवती महिला, बुज़ुर्ग और बच्चे सभी लोग इन आसनों का अभ्यास प्रतिदिन कर सकते हैं। इस आसन को रोजाना 4 से 5 बार करें।

इस आसन से हाथ-पैर, कंधे और घुटनों का दर्द तो दूर होता ही है। साथ ही, इससे मस्तिष्क के विकार, पेट की समस्याएं, आंतों का शोधन भी होता है। इस आसन के कई अन्य छोटे-छोटे लाभ भी हैं, जो आपको पूर्ण स्वस्थ रखते हैं।

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